आप को जान कर हैरानी होगी की Catalytic Converter में यूज होने वाले मटेरियल कीमत बाजार में सोने के भाव से भी अधिक है यह लगभग सभी गाड़ियों के सीलेंसर (एक्सॉस्ट) में लगा होता है जिसके चलते अब गाड़ियों में से सीलेंसर चोरी की घटनाये काफी सामने आने लगी हैं आज हम समझने की कोशिश करेंगे क्या है Catalytic Converter और यह कैसे काम करता है आखिर क्यों है मार्केट में इसकी कीमत और क्या वाक़ई में बाइक किट किट वाली आवाज़ के पीछे इसी का हाथ है।
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Catalytic Converter क्या है और यह कैसे काम करता है ?
Catalytic Converter किसी भी वाहन के एक्सॉस्ट यानि सीलेंसर में लगा हुआ एक प्रकार का फ़िल्टर है जिसका मुख्या काम है वाहन के इंजन में Combustion के दौरान निकलने वाली हानिकारक गैसों को रासानिक रिएक्शंस के माध्यम से साफ़ करके पर्यावण में होने वाले प्रदुषण को काम से काम रखना।
खास कर BS6 आने के बाद से ही Catalytic Converters की अहमियत और मार्केट वैल्यू अचानक से बढ़ गयी है जिसके पीछे का मुख्य कारण है इसमें यूज होने वाले मटेरिल जिसके बारे में हम आगे बात करने वाले हैं Catalytic Converters दो तरह के होये हैं
- Two Way Catalytic Converters
- Three Way Catalytic Converters
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Two Way Catalytic Converters इंजन से निकलने वाली 2 तरह की गैसों Hydrocarbon (HC) और Carbon Monoxide (CO) से डील करता है आप को बता दें की इस तरह के Catalytic Converters में एक सिरामिक ब्लॉक होता है जिसे ऑक्सीडाइसिंग ब्लॉक कहते हैं और इसमें मधुमक्खी के छत्ते की तरह से फिल्टर्स बने होते हैं और जब इंजन से आने वाली हानिकारक गैस इस फ़िल्टर से होक्कार गुज़रती है तो इसमें 2 तरह के रिएक्शंस होते हैं पहला जो Carbon Monoxide गैस होती है यह ऑक्सीजन O2 के साथ मिलकर CO2 यानि कार्बन डाइऑक्साइड में बदल जाती है।
दूसरा रिएक्शन जो होता है वो Hydrocarbon HC के साथ H20 Water Vapor और ऑक्सीजन मिलाकर कार्बन डाइऑक्साइड में बदल जाता है यह रिएक्शंस कुछ इस प्रकार होते हैं
- CO (Carbon Monoxide) + O2 (Oxygen)= (Carbon Dioxide)
- HC (Hydrocarbon) + + O2 (Oxygen)= H20 (Water Vapor) CO2 (Carbon Dioxide)
कुछ इस तरह से यह Two Way Catalytic Converter हानिकारक गैसों को नार्मल अहानिकारक गैस में बदल देता है जिससे प्रदूषण कम होता है।
Three Way Catalytic Converters यह तीन तरह की हानिकारक गैसों Hydrocarbon, Carbon Monoxide, Nitrogen Oxide से डील करता है इसमें सबसे हानिकारक गैस Nitrogen Oxide होती जो इंसानों के लिए सबसे हानिकारक होती है इस थ्री वे कैटेलिटिक कनवर्टर में ऑक्सीडाइसिंग ब्लॉक से पहले एक रेडूसिंग ब्लॉक लगा होता है जो की प्लैटिनम और रोडियम का बना होता है जो की काफी महंगी धातु है जिसका काम होता है नाइट्रोजन ऑक्साइड को क्लीन करना यह रिएक्शन कुछ इस प्रकार होता है
NOx (Nitrogen Oxide) = N2 (Nitrogen) + O2 (Oxygen)
और इसके बाद सेम वही रिएक्शन होता जो की टू वे कैटेलिटिक कन्वर्टर में होता है
- CO (Carbon Monoxide) + O2 (Oxygen)= (Carbon Dioxide)
- HC (Hydrocarbon) + + O2 (Oxygen)= H20 (Water Vapor) CO2 (Carbon Dioxide)
Catalytic Converter क्यों है इतना महंगा ?
दरअसल कैटेलिटिक कनवर्टर में जो फिल्टर्स लगे होते हैं उन में यूज होने वाला मटेरियल जो की प्लैटिनम, पैलेडियम और रोडियम के नाम से जाना जाता है बहुत ही महंगा होता है आप को जानकर हैरानी होगी की इस मटेरियल के 10 GM की मार्केट में वैल्यू लगभग ₹46,894 है और सोने का लगभग 10 GM का रेट कुछ ₹50,000 के आस पास रहता है यही कारन है की गाड़ियों के सीलेंसर्स की चोरी हाल ही के कुछ सालों में काफी बढ़ गयी है।
जब भी किसी कारण से आपके वाहन के साइलंसर को बदलना पड़ता है तो आप को लगता है की यह साधारण सा का पाइप इतना महंगा खासकर सबसे आम लगने वाली मारुती ईको के साइलेंसर लगभग ₹70,000 है।
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