Hydrogen Fuel Cell Vehicle (HFCV) , आम तौर पर हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों को लोग पानी से चलने वाली गाड़ी समझ लेते हैं हालाँकि काफी हद तक ऐसा है भी लेकिन क्या वाक़ई में पानी से गाड़ियां चलती हैं Hydrogen Fuel Cell टेक्नोलॉजी पर दुनियां भर में काम चल रहा है इस मामले में भारत जैसे देश एक बड़ा विज़न रखते हैं इस तकनीक के पीछे की साइंस को आज समझने की कोशिश करेंगे आसान भाषा में,
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Hydrogen Fuel Cell Vehicle क्या है ?
NOTE- जैसा की हम इस आर्टिकल में सभी फैक्टर्स आसान भाषा में समझाने की कोशिश कर रहे हैं तो हम ज़्यादा साइंटिफिक फैक्ट्स में न जाकर बेसिक ऑपरेशनल फैक्टर्स को आसान भाषा में समझायेंगे।
Hydrogen Fuel Cell, एक तरह से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ही हैं लेकिन इनमें सबसे बड़ा अंतर यह है की इनमें बैटरी की जगह एक इंजन होता है जो की बिजली पैदा करता है और इस बिजली से इसके मोटर को पावर मिलती है और गाड़ी चलती है इस इंजन को हाइड्रोजन Combustion इंजन कहते हैं।
हालाँकि इस तरह के व्हीकल्स पर अभी काम चल रहा है और आम जनता के लिए आने मवन अभी इनको समय लगेगा, इस तरह की व्हीकल्स की खास बात यह होती है की यह किसी भी तरह प्रदूषण नहीं करते हैं और पूरी तरह से हाइड्रोजन पर चसलते हैं आउट बाय प्रोडक्ट के नाम पर एग्जॉस्ट से सिर्फ पानी निकलता है इस तकनीक पर चलने वाले वाहनों को हायड्रोजन हुइल सेल व्हीकल कहते हैं फ्यूल सेल तकनीक किस तरह काम करती है इसके बारे में हम आके समझेंगे।
Hydrogen Fuel Cell तकनीक क्या है और यह कैसे काम करती है ?
दरसल में पर्यावरण में हाइड्रोजन सबसे अधिक मात्रा में मौजूद है लेकिन यह अपने प्योर फॉर्म में नहीं है जिससे की किसी वाहन को चलाया जा सके हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक भी IC तकनीक की तरह ही काम करती है हाइड्रोजन का प्योर फॉर्म अपने नाभिकीय गुणों के कारण अत्यंत ज्वलनशील होता है पेट्रोल और डीजल इंजन की तरह इसमें भी हवा के साथ हाइड्रोजन इंजन में जाता है और Combustion प्रक्रिया द्वारा पिस्टन चलता है और ड्राइव मिलती है लेकिन इस ड्राइव से डायरेक्ट वाहन न चल कर यह एक फ्यूल सेल के माध्यम से बिजली का उत्पादन करता है और उस बिजली से मोटर चलती है जो की वाहन को चलाती है।
यह प्रक्रिया जितनी सरल मालूम होती है उतनी है नहीं इसके पीछे की साइंस काफी जटिल है जिसके चलते Elon Musk ने भी Hydrogen Fuel Cell Vehicle हमेशा से निंदा की है और हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक को मूर्खतापूर्ण बताया है इसका कारण यह भी हो सकता है की की Elon Musk स्वयं एक एल्क्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला के फाउंडर हैं।
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Hydrogen Fuel Cell भारत में भविष्य
Hydrogen Fuel Cell Vehicle पर पूरी दुनिया की नज़र है लेकिन प्योर हाइड्रोजन जिसको ग्रीन हाइड्रोजन भी कहते हैं यह पेट्रोल और EV की तुलना में काफी लहंगा पड़ता है इसलिए अधिकतर देश हाइड्रोजन की उपयुक्तता को जानते हुए भी इसमें ज़्यादा रूचि नहीं ले प् रहे हैं वहीँ पर भारत में जहाँ एक ओर हाइड्रोजन का भविष्य काफी उज्जवल नज़र आता है।
परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी का विज़न भी है की भारत Hydrogen Fuel Cell Vehicle के मामले में लीड करे लेकिन यह इतना आसान नहीं होगा जिस तरह से EV चार्जिंग स्टेशन्स की कमी के चलते EV पर ज़्यादा लोग निर्भर नहीं रह पा रहे हैं इसी तरह हाइड्रोजन के स्टेशन्स का जाल पुरे देश में बिछाना काफी जटिल है लेकिन भारत में इसका पोटेंशियल काफी है किसी भी तकनीक को अपनाने में भारत हमेशा से आगे रहा है।
Hydrogen Fuel Cell EV से किस तरह बेहतर है ?
Hydrogen Fuel Cell Vehicle का EV’s से बेहतर होने का सबसे कारण है इनकी कन्वीनिएंस जहाँ आज भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को चार्ज करने काफी अधिक समय लगता है और इनकी बैटरी को लगभग गाडी के आधी लागत में आती है वही Hydrogen Fuel Cell Vehicle को पेट्रोल और डीजल वाहनों की तरह ही मिनटों में फ्यूल अप किया जा और आप कितनी भी लम्बा सफर बिना किसी चार्ज वेटिंग एंग्जायटी के तय कर सकते हैं।
Hydrogen Fuel Cell Vehicle के बारे में टेक्नीकल डिटेल्स जो समझने के लिए यह वीडियो देख सकते हैं
जहाँ एक तरफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को एनवीरेमेंट फ्रेंडली बताया जाता है और कोयले व अन्य कार्बन उत्सर्जन करने वाले ईंधन से बानी बिजली को यूज करके उन्हें चार्ज किया जाता है जिससे पर्यावरण को नुकसान ही होता है और एक तरह इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बैटरी को बनाए में पर्यावरण को जो नुकसान होता है वो अलग ये कई सारे तथ्य हैं जो की Hydrogen Fuel Cell Vehicles को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से बेहतर बनाते हैं लेकिन अभी Hydrogen Fuel Cell Vehicles का इंतज़ार आप को करना पड़ेगा क्योंकि अभी भी इसपर काम चल रहा है और इस तकनीक में अभी भी कई खामियां हैं।
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